शिक्षक दिवस के लिए भाषण

आदरणीय प्रधानाचार्य, सम्मानित शिक्षकगण, और मेरे प्यारे साथियों,

आज का दिन हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण और आदरणीय व्यक्तियों को समर्पित है – हमारे शिक्षक। हम सब यहां एकत्रित हुए हैं, उस व्यक्ति के सम्मान में जो हमें केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका भी सिखाते हैं।

शिक्षक वह दीपक हैं, जो अज्ञानता के अंधकार को दूर कर हमें ज्ञान का प्रकाश दिखाते हैं। शिक्षक वह नाविक हैं, जो हमें जीवन की कठिनाइयों से पार लगाते हैं। शिक्षक वह कुम्हार हैं, जो मिट्टी के ढेले को आकार देकर उसे मूर्ति बनाते हैं।

हमारे शिक्षक केवल हमारी किताबें नहीं पढ़ाते, बल्कि वे हमें जीवन की बड़ी किताब पढ़ाते हैं। वे हमें बताते हैं कि सफल होने के लिए मेहनत और धैर्य की कितनी आवश्यकता होती है। वे हमें हर कठिनाई का सामना करने के लिए तैयार करते हैं और हमें प्रेरित करते हैं कि हम कभी हार न मानें।

आज के इस विशेष दिन पर, मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि हम सब अपने शिक्षकों के प्रति अपना आभार प्रकट करें। हमें याद रखना चाहिए कि उनका योगदान हमारे जीवन में अनमोल है और हम उनके बिना वह नहीं बन पाते जो आज हम हैं।

शिक्षक दिवस का यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि हमारे जीवन में शिक्षक का स्थान बहुत ऊंचा और पूजनीय है। आइए, हम सब मिलकर अपने शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान और आभार व्यक्त करें, और उन्हें धन्यवाद दें कि उन्होंने हमारे जीवन को इतना सुंदर और समृद्ध बनाया।

धन्यवाद!

teachers day speech in hindi

शिक्षक दिवस के लिए भाषण : इतिहास और समाज के निर्माताओं का सम्मान

हर साल 5 सितंबर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस का आयोजन बड़े ही आदर और उल्लास के साथ किया जाता है। यह दिन विशेष रूप से देश के महान शिक्षक, दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस का इतिहास बेहद प्रेरणादायक है और यह हमें शिक्षकों की भूमिका और उनके योगदान की याद दिलाता है।

शिक्षक दिवस के लिए भाषण

शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत 1962 में हुई, जब डॉ. राधाकृष्णन ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला। उनके छात्रों और मित्रों ने उनकी जयंती को विशेष रूप से मनाने का सुझाव दिया। इस पर उन्होंने कहा कि यदि उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, तो यह उनके लिए बड़े सम्मान की बात होगी। तब से, भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

डॉ. राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षक समाज के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। वे न केवल छात्रों को शैक्षिक ज्ञान देते हैं, बल्कि उन्हें नैतिक और चारित्रिक शिक्षा भी प्रदान करते हैं। एक शिक्षक का कर्तव्य केवल पाठ्यक्रम को पूरा करना नहीं है, बल्कि छात्रों को एक अच्छा इंसान बनाना भी है।

आज के इस अवसर पर, देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। छात्र अपने शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करते हैं, उन्हें उपहार देते हैं और उनके लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। कई जगहों पर शिक्षकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित भी किया जाता है।

शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारे शिक्षक केवल शिक्षा के दाता ही नहीं, बल्कि हमारे भविष्य के निर्माता भी हैं। वे हमारे जीवन की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस शिक्षक दिवस पर, आइए हम सब मिलकर उन सभी शिक्षकों का सम्मान करें जिन्होंने हमारे जीवन को आकार देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके बिना, हम वह नहीं बन पाते जो आज हम हैं।

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

सर्वेपल्लि राधाकृष्णन की जीवनी विकिपीडिया पर जाएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *