भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाते हुए, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने भारत का दौरा किया है। यह उनका अबू धाबी के क्राउन प्रिंस के रूप में भारत का पहला दौरा है। इस यात्रा का महत्व दोनों देशों के बीच मौजूदा व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) को और गहरा करने में है। भारत और यूएई के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, और यह यात्रा इन संबंधों को भविष्य में और सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का यह भारत दौरा विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह अबू धाबी के क्राउन प्रिंस के रूप में उनका पहला औपचारिक दौरा है। उनके साथ यूएई सरकार के कई मंत्री और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है, जो दोनों देशों के बीच गहरे होते व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को दर्शाता है।
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस का भारत में गर्मजोशी से स्वागत
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस का भारत आगमन रविवार को नई दिल्ली में हुआ, जहां उनका स्वागत केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा किया गया। भारत में उनकी इस यात्रा की शुरुआत एक औपचारिक स्वागत समारोह से हुई, जो दोनों देशों के बीच गहरे मैत्रीपूर्ण संबंधों को दर्शाता है।
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की यह भारत यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल के वर्षों में, भारत और यूएई के बीच व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की इस यात्रा से इन संबंधों में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है।
द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा का मुख्य आकर्षण 9 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी प्रस्तावित मुलाकात है। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेता व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और अवसंरचना विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा करेंगे। यह बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और मध्य पूर्व में एक महत्वपूर्ण सहयोगी है।
प्रधानमंत्री मोदी और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस के बीच यह मुलाकात दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी नवाचार, और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। खासकर उभरते क्षेत्रों जैसे कि नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल प्रौद्योगिकी में सहयोग के नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की यात्रा का महत्व
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हो रही है, जब दोनों देश अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यूएई, भारत का एक प्रमुख सहयोगी देश बन गया है, और दोनों देशों के बीच संबंध अब केवल आर्थिक मुद्दों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि रक्षा, सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में भी गहरे हो गए हैं।
शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की यह यात्रा उन उच्चस्तरीय दौरों की श्रृंखला को आगे बढ़ा रही है, जो पिछले कुछ वर्षों में हुए हैं। जनवरी 2024 में, यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने भारत का दौरा किया था, और जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई का दौरा किया था। यह प्रधानमंत्री मोदी का 2015 के बाद से यूएई का पांचवां दौरा था, जो दोनों नेताओं के संबंधों की मजबूती को दर्शाता है।
इन दौरों के दौरान, दोनों देशों के नेताओं ने ऊर्जा सुरक्षा, अवसंरचना विकास और प्रौद्योगिकी नवाचार जैसे प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की भारत यात्रा इन चर्चाओं को और आगे बढ़ाने तथा भविष्य के सहयोग के लिए रणनीतिक ढांचे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी।
भारत की समृद्ध धरोहर को श्रद्धांजलि: अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात के अलावा, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा के दौरान उनके कई अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी हैं। 9 सितंबर को प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद, वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलेंगे, जो दोनों देशों के बीच गहरे कूटनीतिक संबंधों को और सुदृढ़ करेगा।
इसके अलावा, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए राजघाट भी जाएंगे। यह यात्रा भारत की समृद्ध ऐतिहासिक धरोहर और शांति के प्रतीक महात्मा गांधी के प्रति यूएई की गहरी श्रद्धा को दर्शाती है।
10 सितंबर को शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान मुंबई जाएंगे, जहां वह एक व्यापार मंच में हिस्सा लेंगे। इस कार्यक्रम में दोनों देशों के व्यापारिक नेता भाग लेंगे और भविष्य के व्यापारिक सहयोगों और निवेश के अवसरों पर चर्चा करेंगे। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की उपस्थिति इस बात का प्रतीक है कि यूएई भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत-यूएई साझेदारी का बढ़ता महत्व
भारत और यूएई के बीच साझेदारी की जड़ें ऐतिहासिक रूप से गहरी हैं। पिछले कुछ वर्षों में, यह संबंध काफी विस्तार कर चुका है, जिससे यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। 2022 में भारत और यूएई के बीच व्यापार USD 85 बिलियन तक पहुंच गया, जिससे यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार बन गया।
इसके अलावा, 2022 में दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसने व्यापार और निवेश के नए रास्ते खोले हैं। अब दोनों देश प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, और अवसंरचना जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा से इन संबंधों को और मजबूती मिलेगी और नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, और सतत विकास जैसे उभरते क्षेत्रों में नए सहयोग के अवसर पैदा होंगे। यूएई की प्रौद्योगिकी में निवेश करने की प्रतिबद्धता और भारत की उभरती प्रौद्योगिकी शक्ति दोनों देशों को नवाचार और सतत विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनने की दिशा में आगे बढ़ा रही है।
आधिकारिक यात्रा पर भारत आए हैं क्राउन प्रिंस
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की 2024 में भारत यात्रा दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाती है। इस उच्चस्तरीय यात्रा से व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती मिलने और व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्रों में नए सहयोग के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस का यह दौरा, यूएई मंत्रियों और व्यापारिक नेताओं के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ, दोनों देशों के बीच गहरे होते संबंधों का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्राउन प्रिंस के बीच चर्चाएं, व्यापारिक मंचों में भागीदारी, और कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम इस यात्रा को ऐतिहासिक बना रहे हैं।
भारत और यूएई का यह साझा दृष्टिकोण, प्रगति, नवाचार और सतत विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जैसा कि दोनों देश अपनी रणनीतिक साझेदारी को और आगे बढ़ाते हैं, उनके रिश्तों का भविष्य पहले से कहीं अधिक उज्ज्वल और समृद्ध दिखाई दे रहा है।